कभी-कभी अपनी पोस्ट पढ़ता हूँ तो आश्चर्यचकित रह जाता हूँ कि ये मैंने सोच कैसे लिया? . . . . फिर याद आता हैँ ओह ये वाला तो copy किया था..
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