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Dil SE

तब टूटती थी प्लेट
बचपन में तुमसे
अब माँ से टूट जाये
तो कुछ भी ना कहना..

तब मांगते थे गुब्बारा
बचपन में माँ से
अब माँ चश्मा मांगे
तो ना मत कहना..

तब मांगते थे चॉकलेट
बचपन में माँ से
अब माँ मांगे दवाई
तो ना मत कहना..

तब डाटती थी माँ
शरारत होती थी तुमसे
अब वो सुन ना सके
तो बुरा उसे ना कहना..

जब चल नहीं पाते थे तुम
माँ पकड़ के चलाती थी
अब चल ना पाए वो
तो सहारा तुम देना..

जब रोते थे तुम
माँ सीने से लगाती थी
अब सह लेना दुःख तुम
माँ को रोने ना देना...

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